फूलगोभी और पातगोभी का रोग नियंत्रण कैसे करे -Help you hindi

           फूलगोभी और पातगोभी का रोग नियंत्रण कैसे करे-


    रोग नियंत्रण -
     फूलगोभी की फसल में निम्नलिखित रोग लगते हैं- 

अर्ध पतन(Damping off)

यह नर्सरी में लगने वाली मुख्य बीमारी है इससे पौधे की जड़ चढ़ जाती हैं बीमार पौधे भूमि की सतह से गल कर गिर जाते हैं 

यह रोग फफूद के द्वारा होता है इस भकूट द्वारा बीजपत्र आधार पर भूरे रंग के धब्बे पैदा होते हैं, जो जड़ तथा भूमि की सतह के निकट तने के निचले भाग पर पाए जाते हैं तीन भागों में सड़न हो जाने के बाद पौधे गिर जाते हैं और अंत में खत्म हो जाते है
         

रोकथाम 

     1.नर्सरी को फॉर्मेल्डिहाइड (20 से 30 मिली प्रति लीटर पानी )से उपचारित करना चाहिए

     2.बीज को कैप्टन या थायराम से  (2.5 ग्राम दवा प्रति किलो बीज) से उपचारित करके बोना चाहिए

     3. बुवाई से पहले नर्सरी को मिट्टी को0.2% ब्रेसिकाल के घोल से सिंचित कर देना चाहिए


काला विगलन(Black rot)


यह रोग जीवाणु के कारण होता है- इस रोग के कारण सबसे पहले पत्तियों के किनारों पर वी आकार की हर महीने मुरझाए हुए स्थान दिखाई पड़ते हैं।यह रोग जीवाणु के कारण होता है- इस रोग के कारण सबसे पहले पत्तियों के किनारों पर वी आकार की हर महीने मुरझाए हुए स्थान दिखाई पड़ते हैं।

 जैसे जैसे रोग बढ़ता है पत्तियों की शिराओं का रंग काला या बुरा होने लगता है पूरी पत्ती का रंग पीला पड़ जाता है और वह मुरझा कर गिर जाती है पर ड्रिंक तथा शिराओं पर काले बिंदु दिखाई पड़ते हैं


रोकथाम


1.कम से कम 2 वर्ष तक सरसों कुल के फसलों को फसल चक्र में सम्मिलित नहीं करना चाहिए

2.बीजों को बोने से पहले 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 30 मिनट के लिए गर्म पानी में से उपचारित करना चाहिए

3.  फसल के मलबे को जला देना चाहिए ताकि इस पर पाए जाने वाले जीवाणु का विनाश हो सके



    पत्तियों का धब्बा रोग


     यह रोग भी एक फफूद के द्वारा होता है- इस रोग के कारण पत्तियों पर बहुत से छोटे छोटे गोल तथा गहरे रंग के धब्बे बनते हैं इन धब्बों के केंद्रीय स्थान पर नीलापन लिए हुए खून की वृद्धि पाई जाती है इनमें बाद में चक्करदार रेखाएं बनने लगती हैं


    रोकथाम
    1.फसल को जलाकर नष्ट कर देना चाहिए 

    2.फसल पर रोग के लक्षण दिखाई देते ही 2.5 किलोग्राम इंडोफिल एम 45 को 1000 लीटर पानी में  घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए


    काला तार सदृश तना


     यह फूल गोभी का नया रोग है जो कि सफ़ेद के कारण होता है- इस रोग के कारण रोगी फूलगोभी के पौधे का तना जमीन की सतह के पास तारकोल के समान काला पड़ जाता है


    रोकथाम                           

     इस रोग की रोकथाम पौधे की रोपाई के बाद 10 दिन के अंदर से 0.2 प्रतिशत ब्रेसीकाल के गोल से क्यारियों को सिंचित करके किया जा सकता है




    काली मेखला 


    यह रोग भी फफूंदी के कारण होता है- इस रोग के लक्षण पहले नर्सरी में ही बुवाई के 15 से 20 दिन पहले दिखाई देते हैं पत्तियों पर धब्बे बनते हैं जिनके बीच का भाग राख की तरह धूसर रंग का हो जाता है तनु पर धब्बे पंक्तिबद्ध होते हैं

      यह नीललोहित रंग के किनारों से घिरे रहते हैं रोगी पौधे जल्दी नहीं गिरते परंतु जब पौधों के शीर्ष( फूल) बड़े हो जाते हैं तो उनके भार के कारण रोग ग्रस्त तना के कमजोर क्षेत्र से पौधे गिर जाते है


      रोकथाम
            
       1.बीज को बोने से पहले गर्म पानी में 50 डिग्री सेल्सियस 30 मिनट  तक उपचारित करना चाहिए 

      2.  तीन  वर्ष का फसल चक्र अपनाना चाहिए जिसमें यथासंभव सरसों कुल की फसल सम्मिलित नहीं करनी चाहिए


      लालिमा रोग


       यह रोग बोरान तत्व की कमी के कारण होता है  फूल के बीचो-बीच और डंठल व पत्तियों पर पीले धब्बे बनते हैं फूल कत्थई रंग का दिखाई देने लगता है रोगी पौधों की बढ़वार रुक जाती है और डंठल खोखले से रह जाते हैं
      रोकथाम

      रोकथाम इस रोग की रोकथाम के लिए नर्सरी में पौधों पर 0.3% सुहागा के घोल का छिड़काव करें -तथा रोपाई के बाद मुख्य खेत में 0.5% बोरेक्स के घोल का छिड़काव करें






      कीट नियंत्रण

          फूलगोभी के मुख्य हानिकारक कीट अग्रलिखित हैं-

      आरा मक्खी

      इस कीट की सुंडी काले रंग की लगभग 20 मिली मीटर लंबी होती है इसके शरीर के ऊपर 5 हानियां होती हैं यह सोनिया मुलायम पत्तियों को खाकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं 



      रोकथाम 

      यदि फसल थोड़े क्षेत्र में उगाई गई हो तो सुंडियो को हाथ से पकड़ कर भी नष्ट किया जा सकता है


       फसल पर 10% सेविन धूल का30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें अथवा एक लीटर मैलाथियान 50 E.C  को 625 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए


      माहू 

      यह पीले हरे रंग के छोटे-छोटे कीट होते हैं जो पत्तियों की निचली सतह पर काफी संख्या में देखे जा सकते हैं इस कीट का आक्रमण दिसंबर से मार्च तक होता है इनकी आक्रमण के कारण फसल कमजोर हो जाती हैं व पत्ते थोड़े सिकुड़ जाते हैं जब आकाश में बादल छाए होते हैं और मौसम नम होता है तो इस कीट का प्रकोप बढ़ जाता है


      रोकथाम

       सायपेर्मेथ्रिन का 0.2 प्रतिशत का घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए


       फसल की प्रारंभिक अवस्था में जबकि फूल न आये हो नुवान का 0.0 5% घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता है




      डायमंड बैक मोथ 

            
      इस कीट की सुंडी पत्तियों में छेद करके कहती है जिससे पत्तियो में केवल नसे ही शेष रह जाती है यदि पत्तियों को धिरे धिरे हिलाया जाए तो छोटी छोटी हरी स्लेटी रंग की सुन्डिया नीचे गिर जाती है इसका आक्रमण अगस्त से दिसम्बर तक होता है.


        रोकथाम


        मैलाथियान 5 .0 धूल का 30 और 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से फसल पर बुरकाव करना चाहिए


          यह किट अक्सर पौधों को छोटी अवस्था में ही नुकसान पहुंचाता है यह बीटल लगभग 2 मिली मीटर लंबे नीले हरे रंग के होते हैंजो एक पौधे से पूरा कर दूसरे पौधे पर चले जाते हैं यह मुलायम पत्तियों को काट कर उन्हें छेद बनाते हैं और कभी-कभी पूरी  पत्तियों को ही खत्म कर देते हैं

             रोकथाम


             सेविन10 प्रतिशत धूल को 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से फसल पर बुरकावकरना चाहिए ।अथवा 0.15%सायपेर्मेथ्रिन  घोल  का छिड़काव करना चाहिए



            पत्तियों में जाला बुनने वाला कीट


             यह हरे रंग की चुनरी होती है- जो पत्तियों में जाला बुनकर अंदर से उसे खाकर क्षति पहुंचाती है कभी-कभी यह किस फसल को काफी हानि पहुंचा देती है 

            रोकथाम

            इस कीट की रोकथाम के लिए 0. 15% सुमीसीडीन के घोल का छिड़काव करें अथवा नुवान का 0.05%(0.5 mli लीटर पानी के घोल का छिड़काव करना चाहिए







            बंदगोभी की सुंडी

            इसके बच्चे पत्तियों से भोजन प्राप्त करते हैं- जब बड़े हो जाते हैं तो यह सुंडियो के रूप में फेल कर पत्तियों को खा जाते हैं और पत्तियों को छलनी कर देते हैं 


            रोकथाम 

            इसकी रोकथाम के लिए मैलाथियान 50% घुलनशील पाउडर के 0.1% के घोल का फसल पर छिड़काव करना चाहिए






            हैलो दोस्तो आपका स्वागत है हमारी वेबसाइट पर आपको जल्दी ही जवाब दिया जायेगा !
            EmoticonEmoticon