कृषि के प्रकार



कृषि के प्रकार

Q.1-कृषि के प्रकार


2.जीविका कृषि

3.व्यापारिक कृषि

4.गहन कृषि

5.विस्तृत कृषि

6.मिश्रित कृषि

7.दुग्ध कृषि

8.ट्रक कृषि

9.विशिष्ट बागवानी कृषि

10.व्यापारिक बगाती कृषि


1.स्थानान्तरी कृषि


स्थानान्तरी कृषि अथवा स्थानान्तरणीय कृषि (अंग्रेज़ी: Shifting cultivation) कृषि का एक प्रकार है जिसमें कोई भूमि का टुकड़ा कुछ समय तक फसल लेने के लिये चुना जाता है और उपजाऊपन कम होने के बाद इसका परित्याग कर दूसरे टुकड़े को ऐसी ही कृषि के लिये चुन लिया जाता है। पहले के चुने गये टुकड़े पर वापस प्राकृतिक वनस्पति का विकास होता है। आम तौर पर 10 से 12 वर्ष, और कभी कभी 40-50 की अवधि में जमीन का पहला टुकड़ा प्राकृतिक वनस्पति से पुनः आच्छादित हो कर सफाई और कृषि के लिये तैयार हो जाता है। झूम कृषि भी एक प्रकार की स्थानान्तरी कृषि ही है। इसके पर्यावरणीय प्रभावों को देखते हुए भारत के कुछ हिस्सों में इस पर प्रतिबन्ध भी आयद किया गया है।


2.जीविका कृषि


जीविका कृषि, कृषि करने का एक प्रमुख प्रकार हैं।

3.व्यापारिक कृषि

व्यापारिक कृषि, कृषि करने का एक प्रमुख प्रकार हैं।

4.गहन कृषि

सघन कृषि या 'सघन खेती' या सघन सस्यन (Intensive farming) कृषि उत्पादन की वह प्रणाली है जिसमें कम जमीन में अधिक परिश्रम, पूँजी, उर्वरक या कीटनाशक आदि डालकर अधिक उत्पादन लिया जाता है। इसमें एक ही भूमि पर वर्ष में कई फसलें बोयी जाती हैं।

5.विस्तृत कृषि

विस्तृत आकार वाली जेतो के बड़े -बडे़ खेतों पर यांत्रिक निधियों से की जाने वाली कृषि को विस्तृत कृषि के अंतर्गत शामिल किया जाता है। इस प्रकार की कृषि में लेवर का उपयोग कम होता है किन्तु प्रति व्यक्ति उत्पादन की मात्रा अधिक होती है

6.मिश्रित कृषि

जब फसलों के उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन भी किया जाता है तो इसे मिश्रित कृषि या मिश्रित खेती (Mixed farming) कहते हैं। फसलोत्पादन के‚ साथ-साथ जब पशुपालन भी आय का स्रोत हो तो ऐसी खेती को मिश्रित खेती कहते हैं। मिश्रित् खेती में फसलोत्पादन के साथ केवल दुधारू गाय एवं भैंस पालन तक ही सीमित रखा गया है। जब फसलोत्पादन के साथ गाय-भैंस के अलावा भेड़, बकरी अथवा मुर्गी-पालन भी किया जाता है तब ऐसे प्रक्षेत्र को विविधकरण खेती की श्रेणी में रखा जाता है। बैलों का पालन डेरी व्यवसाय के रूप में नहीं देखा जाता है। भारत में पहले से भी मिश्रित् खेती होती आ रही है मिश्रित् खेती क्यों? मिश्रित खेती कहीं पर लाभ के उद्देश्य से किया जाता है तो कहीं मजबूरी के कारण। जैसे किसी क्षेत्र विशेष में अगर पशुओं की महामारी होने की सम्भावना संभावना रहती है तो केवल फसल उत्पादन ही कर पाता है और यदि फसलों में बीमारी होने की सम्भावना हो तो कृषक अपने अजीविका के लिये पशुपालन की तरफ देखता है।

7.दुग्ध कृषि

Melkkarussell.jpg न्यूयॉर्क की एक दुग्धशाला का दृष्य दुग्ध कृषि (Dairy farming), या डेरी उद्योग या दुग्ध उद्योग, कृषि की एक श्रेणी है। यह पशुपालन से जुड़ा एक बहुत लोकप्रिय उद्यम है जिसके अंतर्गत दुग्ध उत्पादन, उसकी प्रोसेसिंग और खुदरा बिक्री के लिए किए जाने वाले कार्य आते हैं। इसके वास्ते गाय-भैंसों, बकरियों या कुछेक अन्य प्रकार के पशुधन के विकास का भी काम किया जाता है। अधिकतर डेरी-फार्म अपनी गायों के बछड़ों का, गैर-दुग्ध उत्पादक पशुधन का पालन पोषण करने की बजाए सामान्यतः उन्हें मांस के उत्पादन हेतु विक्रय कर देते हैं। डेरी फार्मिंग के अंतर्गत दूध देने वाले मवेशियों का प्रजनन तथा देखभाल, दूध की खरीद और इसकी विभिन्न डेरी उत्पादों के रूप में प्रोसेसिंग आदि कार्य सम्मिलित हैं

8.ट्रक कृषि

ट्रक कृषि (ट्रक फार्मिंग), कृषि करने का एक प्रकार है। 'ट्रक कृषि' में उत्पादित फलों और सब्जियों को बाजार से काफी दूर भेजा जाता है। इसमें परिवहन की आवश्यकता पड़ती है। इस शब्द का प्रयोग अधिकांशतः संयुक्त राज्य अमरीका में किया जाता है।

9.विशिष्ट बागवानी कृषि

विशिष्ट बागवानी कृषि, कृषि करने का एक प्रमुख प्रकार हैं।

10.व्यापारिक बगाती कृषि

व्यापारिक बगाती कृषि, कृषि करने का एक प्रमुख प्रकार हैं।


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